
उत्तर प्रदेश। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम नोज पर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में एक दुखद घटना घटी। अचानक मची भगदड़ में 17 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, जिसकी पुष्टि मेला प्रशासन ने की है।
मौनी अमावस्या के दिन, जो महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान माना जाता है, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम पर स्नान के लिए एकत्रित हुई थी। अचानक हुई भगदड़ के कारण कई लोग घायल हो गए और 17 से अधिक लोगों की जान चली गई। मेला प्रशासन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किए गए।
मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन गंगा स्नान, मौन व्रत, और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ के दौरान, मौनी अमावस्या का स्नान अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है, जिसके लिए लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से प्रयागराज आते हैं।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियाँ की जाती हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के कारण कभी-कभी अप्रत्याशित घटनाएँ हो जाती हैं। इस घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की जाती है। प्रशासन और स्थानीय समुदाय शोक संतप्त परिवारों की सहायता के लिए तत्पर हैं। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की जाती है।




